बच्चे को सूटकेस पर ले जाने वायरल विडियो पर आगरा के डीएम का गैर-जिम्मेदाराना बयान

को’रोना वा’यरस के चलते लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों का पैदल ही अपने घरों की तरफ जाने का सिलसिला जारी है। प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ उनके छोटे बच्चों को भी पैदल ही लंबी दूरी पर पैदल चलना पड़ रहा है।

 

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यह मजदूर महिलायें बच्चों को साथ लिये दिल्ली से महोबा के लिये पैदल ही निकल पड़ीं. रास्ते में जब बच्चा थक गया तो उसे अपने सामान की ट्रॉली पर महिला ने सुला दिया और ट्रॉली खींचने लगी. जब इनसे पूछा गया कि सरकार बसें चला रही है, उससे चले जाइये तो महिला ने उल्टा सवाल किया, कहां हैं बसें? . . . . . abplive.com . . . . . #COVID19 #migrantworkers #migrantsontheroad #Lockdown #instavideo

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सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो सामने आया है जहां एक बच्चा चलते-चलते थक गया तो उसकी मां ने ट्रॉली पर ही सुला लिया और उसकी मां ट्रॉली खींचकर आगे बढ़ती रही। इस तस्वीर से एक तरफ जहां पूरा देश हिल गया है। लोग इसकी चर्चा कर रहे हैं वहीं, आगरा के डीएम को यह साधारण बात लगती है।

डीएम का गैरजिम्मेदाराना बयान:

इस वीडियो के संबंध में जब आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण से पूछा गया तो उन्होंने गैरजिम्मेदाराना बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमारी टीम पूरी मेहनत से काम कर रही है। एक दो ऐसे मामले आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग भी जब छोटे थे तो हम भी पिता जी की अटैची पर बैठ जाते थे, कुछ लोग जल्दबाज़ी में भी बस होते हुए पैदल ही निकल जाते थे।

यह वीडियो आगरा का है। दरअसल, झांसी जिले के महोबा के डेढ़ दर्जन के लगभग लोग तीन दिन पहले पंजाब से पैदल अपने घर जाने के लिए निकले। महिला के पति के मुताबिक वो लोग तीन दिन से पैदल चल रहे हैं। रास्ते में कुछ खाने को मिल जाता है तो कुछ खा लेते हैं वरना पैदल चलते रहते हैं। उनका कहना है कि उन्हें बस घर पहुंचना है।

विवशता की कुछ ऐसी तस्वीर मध्य प्रदेश के परिवार की है। एक प्रवासी मजदूर तपती दोपहरी में 17 दिन पैदल चला। हैदराबाद से घर आने के लिए जब कोई विकल्प नहीं मिला तो लकड़ी की ही गाड़ी बनाकर गर्भवती पत्नी और दो साल की बेटी को  इस गाड़ी पर बिठाकर  ही घर की तरफ चल निकला। जब रजेगांव सीमा पर जवानों ने इस दंपति को आते देखा तो उन लोगों ने इनकी मदद की। बेटी के पैरों में चप्पल तक नहीं थी जिसके बाद पुलिस ने बच्ची को चप्पल दिलाए और फिर  परिवार को घर तक पहुंचाने का इंतेजाम किया।