भव्य मंदिर वाला अयोध्या जलमग्न, घरों में कमर तक घुसा बाढ़ का पानी, अफसर नहीं ले रहे सु’ध

अयोध्या में 70 से ज्यादा ऐसे झुग्गी-झोपड़ी के परिवार हैं, जो बाढ़ और बरसात के पानी के बीच में दुश्वारियों में जी’ने को मज’बूर हैं. इनके घरों में कमर तक बा’ढ़ का पानी आ चुका है. बा’ढ़ से वह जगह भी अ’छूती नहीं रही है, जहां पर मुख्यमंत्री दीपोत्सव मना करके पूरे दुनिया में रा’मरा’ज्य की परिकल्पना कर रहे हैं. नगर निगम अयो’ध्या की पो’ल खुल चुकी है कि उनकी तैयारियां काग’जों पर ही थी. लगभग 20 दिन से ये परिवार बा’ढ़ और बारिश के पानी के बीच में जीवन यापन करने के लिए मज’बूर हैं.

सड़क पर रहने को म’ज’बूर

बा’ढ़ से प्रभा’वित इन परिवारों के लोग स’ड़क के किनारे भोजन बना रहे हैं. दूसरी तरफ प्रशासन मौ’न है. सूचना के बाद किसी भी तरीके की कोई भी मदद सरकारी तौर पर इनके पास नहीं पहुंची, और ना ही किसी जिम्मेदार अफसर ने कोई सु’ध ही ली. और अब कैमरे के सामने ना ही नगर निगम का कोई कर्मचारी या महापौर बोलने को तैयार है. प्रशासनिक अधिकारियों का आलम यह है कि बंद कैमरे पर महापौर कहते हैं कि कल तक व्यवस्था की जाएगी लेकिन 20 दिन बीत जाने के बाद अभी तक कल नहीं आया है, ना ही महापौर का और ना ही प्रशासनिक अधिकारियों का.

अफसर मौ’न

आपको बताते चलें कि जहां बा’ढ़ की त्रा’सदी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री लगातार स’क्रिय हैं और समय-समय पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बा’ढ़ प्रभा’वित क्षेत्रों के जिला अधिकारियों के संपर्क में हैं और राहत कार्य तेजी के साथ चलाने के दि’शा निर्देश दि’ए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में रहने वाली अयोध्या में 70 से ज्यादा बा’ढ़ प्रभावित परिवार परे’शा’न हैं. जिम्मेदारों की मौ’न चु’प्पी और अनदेखी से अब संक्रा’म’क रो’ग फैल’ने का खत’रा भी इन परिवारों पर मं’डरा रहा है.

बा’ढ़ पी’ड़ितों ने बताया कि लगभग 20 दिन से राम क’था पार्क के ठीक सामने क्षेत्र में पानी है, जिसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों और नगर निगम के लोगों को दी गई लेकिन किसी ने सु’ध नहीं ली है. अब बच्चों को ले करके हम लोग सड़क के किनारे रहने को मजबू’र हैं और वहीं पर भोजन कर रहे हैं. हमारा सारा सामान डूब चुका है. लॉक डाउन की वजह से आ’र्थिक तं’गी बनी हुई है और ऐसे में अब घर में पानी भरा है तो मज’दू’री करने भी नहीं जा पा रहे हैं. परिवार के सामने जीवन यापन का संक’ट खड़ा है.