उत्तर प्रदेश के औरेया में हुए दर्दनाक सड़क हादसे में मारे गए प्रवासी मजदूरों के परिजन को दो-दो लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। शनिवार रात इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई।
कहा गया कि जो मारे गए हैं, उनके घर वालों को दो-दो लाख रुपए पीएम नेशनल रिलीफ फंड से दिए जाएंगे, जबकि जो घायल हुए उन्हें 50-50 हजार रुपए मुआवजे के तौर पर मिलेंगे। बता दें कि ये मजदूर लॉकडाउन के बीच गृह राज्यों को लौट रहे थे, तभी ट्रक की भिड़ंत दूसरे वाहन से हुई, जिसके बाद 24 लोगों की जान चली गई, जबकि कई जख्मी हुए।
वहीं, कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को केंद्र की ओर से बड़ी राहत के आसार नजर आ रहे हैं। शनिवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि मजदूरों को राहत देने के लिए रेलवे अब देश के किसी भी जिले से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने के लिए तैयार है।
उनके मुताबिक, जिला कलेक्टरों को इसके लिए विभिन्न जगहों पर फंसे हुए श्रमिकों की सूची बनानी होगी। साथ ही यह भी बताना होगा कि वे कहां जाना चाहते हैं। डीएम को इसके बाद स्टेट नोडल अधिकारी के जरिए रेलवे के पास आवेदन करना होगा। बकौल रेल मंत्री, “इसी के साथ जिला कलेक्टर्स को लिस्ट और जगह का ब्यौरा रेलवे में राज्य के नोडल अधिकारी को भी देना होगा।”
इसी बीच, National Disaster Management Authority ने प्रवासी मजदूरों पर एक सेंट्रल ऑनलाइन रेपॉजिट्ररी तैयार किया है, जिसका नाम National Migrant Info System (NMIS) है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, इसकी मदद से राज्यों के बाहर आसानी से आवागन संभव हो सकेगा। मंत्रालय ने इस बाबत राज्यों से कहा है कि वे बेहतर सहयोग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और आवाजाही की निगरानी के लिए एनएमआईएस डैशबोर्ड पर डेटा अपलोड करें।
इससे पहले, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि वे कोरोनावायरस से लड़ाई के बीच अपने दोस्त भारत को वेंटिलेटर पहुंचाएंगे। ट्रंप ने कहा था कि महामारी के इस मुश्किल दौर में हम प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े हैं।
इस पर अब पीएम ने राष्ट्रपति ट्रंप को शुक्रिया कहा। मोदी ने कहा, “इस महामारी से हम मिलकर लड़ रहे हैं। ऐसे समय में सभी देशों को साथ काम करने और दुनिया को स्वस्थ और कोरोना से स्वतंत्र बनाने की ज्यादा से ज्यादा कोशिश करनी होंगी। भारत-अमेरिका की दोस्ती को और ज्यादा मजबूती मिले।”
उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को सरकार की ओर से घोषित किए गए 20 लाख करोड़ के आर्थिक राहत पैकेज पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राहुल ने कहा कि उन्हें सरकार के पैकेज से काफी निराशा हुई है।
उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को इस वक्त पैसे की सबसे ज्यादा जरूरत है। मैं अपील करता हूं कि प्रधानमंत्री इस पैकेज के बारे में फिर से सोचें। उन्हें डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर, 200 दिन के लिए मनरेगा और किसानों तक सीधे पैसे पहुंचाने के बारे में सोचना चाहिए। राहुल ने कहा कि पीएम को विदेश को देखकर नहीं, बल्कि देश को देखकर फैसला लेना होगा।