राजस्थान की सियासत में पिछले एक महीने से जारी ड्रा’मा अब ख’त्म हो गया है. ब’गावती रुख दिखाने वाले सचिन पायलट मान गए हैं और आज ही वो राजस्थान वापस आएंगे. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान दिया है कि अब पार्टी में सब ठीक है, कोई भी विधायक उनका साथ छोड़कर नहीं गया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि पार्टी में भाईचारा बरकरार है. तीन सदस्यों की कमेटी बनाई गई है, जो सभी विवा’दों को सुलझाएगी. बीजेपी की ओर से सरकार गिरा’ने की कोशिश की गई, लेकिन हमारे विधायक एक साथ हैं और एक भी व्यक्ति हमें छोड़कर नहीं गया.
सीएम ने कहा कि इनकम टैक्स और सीबीआई का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, धर्म के नाम पर राजनीति को भ’ड़काया जा रहा है. लेकिन हमारी सरकार पांच साल पूरा करेगी और अगले चुनाव में जीत दर्ज करेगी. अशोक गहलोत ने कहा कि आज मैं मुख्यमंत्री हूं ऐसे में नारा’ज विधायकों को मनाने की जिम्मेदारी मेरी है, जबतक जिंदा हूं उनका अभिभावक रहूंगा.
बता दें कि मंगलवार सुबह ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन निर्दलीय विधायकों से मुलाकात की. ये विधायक सचिन पायलट गुट में थे, इससे पहले सोमवार को भी पायलट गुट के विधायकों से मुलाकात की थी.
दिल्ली में सोमवार को सचिन पायलट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की. कांग्रेस की ओर से अब तीन सदस्यों की कमेटी बनाई गई है, जो कि सचिन पायलट गुट की समस्याओं को सुनेगी. अब मंगलवार को सचिन पायलट जयपुर वापस लौटेंगे, जहां वो विधानसभा सत्र से पहले विधायकों से मिलेंगे.
गौरतलब है कि 14 अगस्त को राज्य में विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है, ऐसे में कांग्रेस ने आपसी कलह को मिटाकर सरकार पर बरकरार ख’तरे को दूर कर दिया है.
कैसे राजी हुए सचिन पायलट?
राहुल-प्रियंका से मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने मीडिया से बात की, उन्होंने कहा कि पार्टी पद देती है तो ले भी सकती है. हम आत्मसम्मान की ल’ड़ाई लड़ रहे थे. इस बीच अब इस बात पर मंथन होगा कि सचिन पायलट की सम्मानजनक वापसी कैसे हो, पार्टी की ओर से उन्हें केंद्रीय नेतृत्व में कोई पद दिया जा सकता है.
ऐसे में राजस्थान में अशोक गहलोत अभी सीएम बने रहेंगे, लेकिन सचिन पायलट के करीबियों को मंत्रिमंडल में बड़ा पद मिल सकता है. इसके अलावा पार्टी की ओर से सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद का आश्वासन मिला है.