मोदी सरकार के आर्थिक पैकेज को कांग्रेस ने बताया ‘जुमला घोषणा पैकेज’

सरकार के आर्थिक पैकेज की तीसरी किश्त के ऐलान के बाद कांग्रेस ने इसकी सियासी सर्जरी शुरू करते हुए कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज महज ‘जुमला घोषणा पैकेज’ है।

पार्टी ने इसे प्रधानमंत्री का ‘वुडू इकोनामिक पैकेज अवास्तविक (त्रुटिपूर्ण आर्थिक पैकेज) करार देते हुए कहा कि इसमें किसानों से लेकर मजदूरों और एमएसएमई से लेकर गरीबों किसी के खाते कुछ ठोस नहीं आया है और सभी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

सुरजेवाला ने कहा- किसान, मजदूर, एमएसएमई और गरीब ठगा महसूस कर रहे हैं

वित्तमंत्री निर्मला सीतरामण की तीसरी किश्त में किसानों के लिए पैकेज की घोषणा के बाद कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये का यह पैकेज तेरह जीरो साबित हुआ है।

पैकेज से न किसान और न ही खेत मजदूरों को राहत मिलेगी। एमएसएमई क्षेत्र के लिए की गई घोषणाएं भी उन्हें कोई सीधी मदद नहीं पहुंचा रही हैं। किसानों की हालत यह है बीते साढे पांच साल की खाद से लेकर कीटनाशक और डीजल की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है।

खेती-किसानी की वस्तुओं और उपकरणों पर टैक्स लगाने से कृषि की लागत बढ़ गई

खेती-किसानी की वस्तुओं और उपकरणों पर टैक्स लगाया गया जिसकी वजह से कृषि की लागत 15 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर पांच सालों में बढ़ गई है। जबकि रबी फसलों की एमएसीपी नहीं मिलने से किसानों को 50 हजार करोड़, दो महीने के लॉकडाउन में सब्जियों फलों की बर्बादी से 10 हजार करोड़ और अन्य फसलों के एमएसपी नहीं मिलने से 21 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

पैकेज के नाम पर आंकड़ों की बाजीगरी से लोगों को बरगलाया नहीं जा सकता

ऐसे में सरकार का किसान सम्मान निधि का सालाना छह हजार कुछ भी नहीं है और साढे छह करोड़ से अधिक किसान तो इस स्कीम में शामिल ही नहीं हैं। ऐसे में पैकेज के नाम पर आंकड़ों की बाजीगरी से लोगों को लंबे सयम तक बरगलाया नहीं जा सकता।

कांग्रेस ने कहा- तीसरी किश्त में बजट स्कीमों को पैकेज बनाकर पेश करना राष्ट्रहित के साथ खिलवाड़

कांग्रेस नेता ने कहा कि वित्तमंत्री की तीसरी किश्त में अधिकांश बजट प्रस्तावों को रिपैकेजिंग किया गया है जो असत्य और देश को भ्रमित करने का प्रयास है। बजट स्कीमों को पैकेज बनाकर पेश करना राष्ट्रहित के साथ खिलवाड़ है।

सुरजेवाला ने कहा- पैकेज घोषणाओं का सार यही है कि ‘केवल कर्ज, कर्ज और ज्यादा कर्ज लो’

सुरजेवाला ने कहा कि सरकार की तीन दिन तक चली पैकेज घोषणाओं का सार यही है कि ‘केवल कर्ज, कर्ज और ज्यादा कर्ज लो।’ लेकिन वित्तमंत्री भूल गई हैं कि आपूर्ति बढ़ाने या कर्ज मुहैया कराने का काम रिजर्व बैंक का है और उनकी जिम्मेदारी मांग बढ़ाने के लिए नगद वित्तीय मदद देना है। मगर बड़े पैकेज के दावे में सीधे तौर पर किसी की जेब में फूटी कौड़ी नहीं आयी है। सुरजेवाला ने कहा कि इसीलिए पैकेज को हम पीएम मोदी और वित्तमंत्री का वुडू आर्थिक पैकज कह रहे हैं।

सुरजेवाला ने कहा- एमएसएमई पर सीतारमण के पैकेज के दावों की पोल गडकरी ने खुद खोल दी

वित्तमंत्री के दावों पर सवाल उठाते हुए सुरजेवाला ने कहा कि एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने खुद सीतारमण के पैकेज के दावों की पोल खोल दी है। गड़करी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा एमएसएमई सेक्टर का सरकार और सरकारी कंपनियों पर पांच लाख करोड़ बकाया है जबकि पैकेज में तीन लाख करोड के कर्ज की गारंटी सरकार ने दी है।

इससे साफ है कि एमएसएमई का नगद पैसा सरकार के पास बकाया है और वह भुगतान करने की बजाय उन्हें कर्ज लेकर काम करने का रास्ता दिखा रही है जो उसकी असंवेदनशीलता जाहिर कर रही है।