रिपब्लिक पर डिबेट के दौरान एंकर अर्नब गोस्वामी कहने लगे कि ममता बनर्जी जिस तरह से दिल्ली में सक्रिय हैं, ऐसा लगता है जैसे कल ही लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ममता बनर्जी को मोदी विरो’धी गठबंधन बनाने की बहुत जल्दी है।
लेकिन सोचने वाली बात ये है कि विपक्षियों को साथ में लाने के लिए क्या वाकई ममता के पास कोई रोडमैप है। दिल्ली की दरबारी राजनीति अब चुनाव नहीं जिता पाती है। दिल्ली की राजनीति में हर नेता खि’लाड़ी है। ये खिलाड़ी चुना’व नहीं जीत सकते हैं क्योंकि लोग इनकी नहीं सुनते हैं। अर्नब गोस्वामी कहने लगे कि टीएमसी कोई राष्ट्रीय पार्टी नहीं है कि बाकी विपक्ष के लोग उनकी सुनेंगे।
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित करने की कोशिश के तहत राज्य की अवसंरचनात्मक परियोजनाओं पर चर्चा की।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री से कहा कि अच्छा होगा अगर पश्चिम बंगाल में इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन उद्योग स्थापित हो जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य की सीमा बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और पूर्वोत्तर राज्यों से लगती है इसलिए वहां अच्छी सड़कों की आवश्यकता है।
सूत्रों ने बताया कि बनर्जी ने इस मुलाकात के दौरान, ताजपुर में गहरे समुद्र के बंदरगाह समेत लंबित सड़क तथा परिवहन परियोजनाओं पर बातचीत की। बनर्जी, केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खि’लाफ विपक्ष को एकजुट करने के इरा’दे से बातचीत के लिए आजकल दिल्ली में हैं।
कोलकाता से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित बंदरगाह में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है और इसके पूरा होने पर पश्चिम बंगाल में रोजगार के 25,000 नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “नितिन गडकरी ने मुझे अपने मुख्य सचिव को भेजने को कहा है। उनके महानिदेशक, लोक निर्माण मंत्री, सचिव, परिवहन सचिव और वह भी वहां होंगे। मेरे मुख्य सचिव शुक्रवार को बैठक के लिए आज दिल्ली आ रहे हैं।
गडकरी जी की सुविधा के लिए मैं अपने मुख्य सचिव को उनसे मुलाकात करने के लिए भेज दूंगी।” बैठक के बाद बनर्जी ने कहा, “मैंने गडकरी जी से अनुरो’ध किया है कि अच्छा होगा यदि इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए हमारे राज्य में उत्पादन उद्योग स्थापित हों। बंगाल की सीमा बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और पूर्वोत्तर राज्यों से लगती है इसलिए हमें अच्छी सड़कें चाहिए।”