सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ़ अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ दो मई को दर्ज की गई नई एफ़आईआर खारिज करने को लेकर दी गई याचिका पर सुनवाई की.
अर्णब गोस्वामी के ख़िला’फ़ 14-15 अप्रैल को टेलीकास्ट किए गए एक प्रोग्राम के संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई. वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अर्णब गोस्वामी का पक्ष रखा.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ महाराष्ट्र सरकार की ओर से अर्णब गोस्वामी द्वारा कथित रूप से जांच और विवा’द को रोकने के लिए किए गए प्रयासों का ‘गंभीर संज्ञान’ लेने के लिए दायर याचिका पर भी सुनवाई करेगी.
गोस्वामी के ख़िला’’फ़ दूसरों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई गई थी. उन पर इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों को धमका’ने का भी आ’रोप है.
सुप्रीम कोर्ट में हरीश साल्वे ने कहा, “इस मामले में एक नई याचिका है और एक पुरानी भी. यह मामला 16 अप्रैल को टेलीकास्ट हुए एक शो का है. याचिकाकर्ता के ख़िला’फ़ उनके शो को लेकर कई एफ़आईआर दर्ज हुई हैं.”
उन्होंने कहा कि जिस तरह पुलिस ने अर्णब से पूछताछ की है उससे स्पष्ट है कि उनके ख़िला’फ़ सोची-समझी योजना के तहत का’र्रवाई की जा रही है.
पुलिस पूछताछ पर सवाल
हरीश साल्वे ने कहा, “मीडिया की आजादी का ख्याल रखा जाना चाहिए. अगर किसी तरह का बयान दिया गया है जिससे सां’प्रदायिक द्वेष हो सकता है तो क्या पुलिस और सीआरपीसी बिना किसी जांच के एक्शन ले लेगी?
क्या एक न्यूज़ टेलीकास्ट किए जाने या आर्टिकल को लेकर अगर पुलिस जांच कर रही है और अगर वो सीआरपीसी के नियम लागू करे तो क्या पुलिस किसी पत्रकार को गिरफ़्तार कर सकती है और सवाल पूछ सकती है? प्रेस की आजादी पर इसका असर पड़ेगा.”
अर्णब गोस्वामी से कई घंटे तक चली पूछताछ पर सवाल उठाते हुए साल्वे ने कहा, “आप हलफनामा देखिए जो मैंने दिया है और आप एफ़आईआर की कॉपी देखिए. आप सोचिए पुलिस 12 घंटे तक पूछताछ कर रही है. इस एफ़आईआर के लिए. क्या इस एफआईआर में ऐसा कुछ है जिसके लिए मेरे क्लाइंट से पूछताछ में इतना वक़्त लगाया गया? ऐसा कुछ नहीं है.”
Supreme Court starts hearing a plea filed by Republic TV's Editor-in-Chief, Arnab Goswami for quashing a fresh FIR registered against him at Mumbai on May 2 in relation to a show telecast on April 14-15. Senior lawyer Harish Salve is appearing for Arnab Goswami. pic.twitter.com/lLSegY7NkN
— ANI (@ANI) May 11, 2020
मुंबई पुलिस के रवैये पर सवाल उठाते हुए हरीश साल्वे ने पुलिस पर आरोप भी लगाए. उन्होंने सवाल किया, “पुलिस मेरे क्लाइंट की एडिटोरियल टीम और कंटेंट से जुड़ी जानकारी मांग रही थी. वो टीम के लोगों के बारे में जानकारी मांग रहे थे. किस पर कौन है इसकी जानकारी जुटा रहे थे. पैसे कहां से आए. ये कैसे सवाल हैं जो पुलिस ने पूछे हैं.”
हरीश साल्वे ने पुलिस पूछताछ की प्रक्रिया और रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर पुलिस ऐसे सवालों के जरिए क्या जानने की कोशिश कर रही थी. कंपनी का मालिक कौन है? यह सवाल क्यों. यह मानहानि का मुकदमा नहीं है जहां आप हर्जाना मांग रहे हैं.