महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन देकर कहा है कि रिब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी अपने शो में मुंबई पुलिस को ध’मकियां देकर जांच में बा’धा डाल रहे हैं.
टीवी पत्रकार पर पुलिस को दबाव में लेने और धमकाने का आरोप
मुंबई पुलिस उन FIR की जांच कर रही है जिनमें आ’रोप लगाया गया है कि अर्णब ने अपने टीवी शो में पालघर लिं’चिंग केस और सोनिया गांधी के बीच कनेक्शन जोड़ नफ’रत फैलाने की कोशिश की.
रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी के रवैए के खिला’फ महाराष्ट्र पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। महाराष्ट्र सरकार का आरोप है कि अर्णब पुलिस को धमका रहे हैं और ऐसी स्थिति में उसे उनके दबाव और धमकियों से सुरक्षा चाहिए।
शीर्ष अदालत ने 24 अप्रैल को अपने आदेश में अर्णब गोस्वामी को उनके खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज प्राथमिकी और शिकायतों के संबंध में तीन सप्ताह के लिए गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था। ये प्राथमिकी और शिकायतें पालघर घटना के संबंध में कथित मानहानिकारक बयानों को लेकर दायर हुईं हैं।
पीठ ने नागपुर सदर थाना में दर्ज एक मामला मुंबई के एनएम जोशी मार्ग, थाना में स्थानांतरित कर दिया था और अर्णब को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था। बाकी अन्य ऐसे मामलों में आगे आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
दबाव व धमकी देने से बाज आये अर्नब
पीठ ने युवक कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं के खिला’फ गोस्वामी की प्राथमिकी की जांच करने का भी मुंबई पुलिस को आदेश दिया था। मुंबई पुलिस के उपायुक्त ने इस नए आवेदन में गोस्वामी को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वह जांच एजंसी पर किसी प्रकार का दबाव डालने या धम’की देने से बाज आएं और ताकि जांच एजंसी निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से अपना काम कर सके।
महाराष्ट्र के अधिवक्ता सचिन पाटिल के माध्यम से दायर इस आवेदन में अर्णब गोस्वामी को अपने अंतरिम संरक्षण का दुरूपयोग नहीं करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
पुलिस ने अभी तक इन प्राथमिकी के सिलसिले में की गई जांच का सिलसिलेवार विवरण दिया है और साथ ही मीडिया हाउस के हिंदी चैनल के समाचार कार्यक्रम का भी हवाला दिया है। पुलिस ने कहा है कि रिपब्लिक भारत चैनल पर उनकी बहस के बयान जांच अधिकारी को धमकाने और आतंकित करने वाले हैं।
आवेदन में इस कार्यक्रम के बारे में कुछ ट्विट और उनके विवरण का भी हवाला दिया गया है और कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष और थाने के भीतर तक अपने रिपोर्टर और कैमरामेन के साथ पहुंचने को इस कार्यक्रम में प्रसारित किया है।
इससे पहले, अर्णब गोस्वामी ने अपने खिला’फ देश के कई राज्यों में प्राथमिकी और शिकायतें दायर किए जाने के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
अर्णब की याचिका पर सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने इस मामले में अपने अंतरिम आदेश में इन मामलों के साथ ही भविष्य में इसी घटना के संबंध में दायर होने वाली किसी भी नई प्राथमिकी पर कार्यवाही करने पर रोक लगा दी थी।