प्रैक्टिस के लिए पिता को लेना पड़ा था उधार, अब 17 साल की अंतिम पंघाल ने जूनियर रेसलिंग मे गोल्ड मेडल जीतकर रचा इतिहास

अंतिम पंघाल अंडर-20 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय लड़की बनीं। उन्होंने 18 अगस्त 2022 को बुल्गारिया के सोफिया में 53 किग्रा वर्ग के फाइनल में कजाकिस्तान की एटलिन शगायेवा को 8-0 से हराया। अंडर-20 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप की शुरुआत 34 साल पहले हुई थी। अंतिम पंघाल से पहले कोई भी भारतीय लड़की पोडियम पर राष्ट्रगान नहीं सुन पाई थी।

अंतिम पंघाल (Antim Panghal) आज सफलता के जिस मुकाम पर पहुंची हैं, उनकी राह आसान नहीं रही है। बेटी का करियर बनाने के लिए उनके पिता राम निवास (Ram Niwas) को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। बेटी की प्रैक्टिस में रुकावट नहीं आए इसलिए राम निवास को दोस्तों से उधार भी लेना पड़ा। यही नहीं, अंतिम पंघाल के नाम के पीछे की कहानी भी काफी दिलचस्प है। विश्व चैंपियन बेटी के मां-बाप ने शायद ही कभी सोचा रहा होगा कि उनकी अंतिम दुनिया में पहली बन जाएगी।

अंतिम पंघाल हरियाणा के हिसार जिले के भगाना गांव की रहने वाली हैं। वह अपने माता-पिता की चौथी संतान हैं। अंतिम का नाम उनकी माता कृष्णा कुमारी (Krishna Kumari) और पिता राम निवास ने रखा था। बेटी के अंडर-20 विश्व चैंपियन बनने के बाद भावुक कृष्णा कुमारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘छोरी का नाम अंतिम इसलिए रखा था कि आगे लड़की पैदा न हो, क्योंकि 4 लड़कियां हो गई थीं। हालांकि, हमने हमेशा उसे अपना सबसे प्यारा बच्चा माना।’

उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, ‘विश्व चैंपियनशिप में जाने से पहले, उसने हमसे कहा था कि वह स्वर्ण पदक के साथ लौटेगी और ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनेगी। अंतिम आज कुश्ती की दुनिया में पहली बन गई है।’

अंतिम की तीनों बड़ी बहनों सरिता, मीनू और निशा का कुश्ती से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं। वे पढ़ने जाती थीं, जबकि अंतिम को मां के साथ डेढ़ एकड़ खेत जोतने वाले पिता के लिए भोजन लेकर जाना पड़ता था। वह रास्ते में गांव के अखाड़े में अक्सर पहलवानों को अभ्यास करते देखती थीं।

राम निवास की भी इच्छा थी कि अंतिम कुश्ती में अपना करियर बनाए। इस कारण उन्होंने बाबा लाल दास कुश्ती अकादमी में प्रशिक्षण के लिए अंतिम को भेजा। अंतिम 2015 से अकादमी में प्रशिक्षण ले रही थी। इस कारण उनकी मां और दो बहनें भी उसके साथ हिसार शिफ्ट होना पड़ा।

अंतिम पंघाल ने जून 2022 में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का खिताब जीतने के बाद इंडियन एक्सप्रेस को बताया था, ‘मैं हमेशा कुश्ती करना चाहती थी, क्योंकि मैं बचपन में अपने पिता के साथ खेत से लौटते समय स्थानीय पहलवानों को प्रशिक्षण लेते देखती थी।’

अंतिम पंघाल ने कहा था, ‘मेरे पिता ने मेरे साथ मेरे नाम को लेकर कभी चर्चा नहीं की, लेकिन मुझसे हमेशा कहा कि मैं पहली इंसान हूं, जिसके लिए वह सब कुछ करेंगे। उन्होंने हिसार में घर का किराया देने के लिए अपने दोस्तों से कई बार पैसे उधार लिए, लेकिन कभी मेरी प्रैक्टिस पर आंच नहीं आने दी।’