उत्तर प्रदेश में शि’क्षकों की भ’र्ती में घो’टाले के आए दिन नए मामले सामने आ रहे हैं। फ’र्जी दस्तावेज पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर अब सरकार शि’कंजा कस रही है। उत्तर प्रदेश में 6 फ’र्जी शिक्षकों से पैसे की रि’कवरी के लिए नोटिस भेजा गया है।
पहले ही इन शिक्षकों पर मुक’दमा दर्ज’ है। शिक्षकों की नियुक्ति पर जां’च बैठाई जा चुकी है। अब सरकार ने इनसे नौकरी के दौरान दी गई सै’लरी को रिकवर करने का फैसला किया है। पुलिस भी पूरे मामले की पड़’ताल कर रही है।
फ’र्जी शिक्षकों में ज्यादातर ऐसे लोग हैं, जिन्होंने किसी दूसरे का कागजात का इस्तेमाल कर नौकरी हासिल की है। कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी डिग्री किसी फर्जी यूनि’वर्सिटी से बनवाई है। इसी आधार पर ये शिक्षक वर्षों से नौकरी कर रहे थे।
यूपी में करीब 5 हजार फर्जी शिक्षक
अभी तक सामने आई जांच के मुताबिक पूरे यूपी में फ’र्जी शिक्षकों की संख्या करीब 5,000 के आसपास है। जैसे-जैसे विभागीय जां’च शुरू की जाएगी, ये आंकड़े और ज्यादा बढ़ सकते हैं। सरकार ने सभी शिक्षकों को 20 जून तक का वक्त दिया है।
20 जून तक फ’र्जी शिक्षकों को जितनी सैलरी मिली है, उसे लौटाना होगा। अगर फ’र्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे शिक्षक पैसे न’हीं लौटाएंगे तो उनके खि’लाफ सरकार आगे की कार्र’वाई करेगी।
गौरतलब है कि हाल ही में यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर स’तीश द्विवेदी ने दावा किया था कि जब से योगी आदि’त्यनाथ की सर’कार आई है, हमने फ’र्जी दस्तावेजों के आधार पर नौ’करी कर रहे 1700 से अधिक लोगों की से’वा समाप्त कर दी है। उन्होंने कहा कि सि’स्टम में पारद’र्शिता सुनिश्चित करने के लिए अब डिजिटल डेटा’बेस तैयार किया जा रहा है।