भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को पहली वर्चुअल रैली की। अमित शाह ने कोरोना से म’रने वालों के लिए शांति की प्रार्थना की। अमित शाह ने कोरोना योद्धाओं को सलाम किया। शाह ने साफ किया कि रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि यह जनसंपर्क के लिए यह रै’ली है। यह रैली कोई चुनावी रैली या राजनीतिक दल के गुणगान की रैली नहीं है। यह रैली आत्मविश्वास से भरपूर, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए देश की जनता से जोड़ने के लिए की गई है।
शाह ने कहा कि इन लोगों ने अपनी जान जो’खिम में डा’लकर लोग सेवा का व्रत लिया है। उन्होंने कहा कि मैं बिहार की जनता का धन्यवाद करना चाहता हूं जिसने 2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए को जनादेश दिया। उन्होंने बिहार के ऐतिहासिक महत्व का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि बिहार की भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने आजादी की ल’ड़ाई में बिहार के नेताओं के योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि आ’पातकाल के खि’लाफ बिहार की धर’ती से ही जेपी ने नेतृत्व में बिगुल फूं’का।
अमित शाह ने कहा कि जनता कर्फ्यू भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा कि देश के एक नेता की अपील पर कोई पुलिस बल प्रयोग किए बगैर पूरे देश ने घर के अंदर रहकर अपने नेता की अपील का सम्मान किया।
अमित शाह ने राजद के थाली बजाने पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि वर्चुअल रैली से पहले कुछ लोगों ने थाली बजा’कर रैली का स्वागत किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह अच्छा लगा देर सबेर उन लोगों ने मोदी की अपील को माना और कोरोना के खि’लाफ थाली बजाई। उन्होंने कहा कि 75 वर्चुअल रैलियों का आयोजन किया है। इससे आत्मनिर्भर भारत के पीएम मोदी के आह्वान को सफल बनाने में जुड़ जाएंगे। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से कहा कि कुछ लोगों की बातों ध्यान ना देते हुए अपना काम करना है।
शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश की सीमाओं को सुरक्षित किया है। उन्होंने कहा कि आज सीमा सुरक्षा में अमेरिका, इजरायल के बाद भारत का नाम लिया जाता है। उन्होंने कहा कि हमने पुलवामा में घु’सकर जवाब दिया। दुश्मन को घर में घु’सकर मा’रा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कश्मीर से अनुच्छेद 356 को ख’त्म कर भारत से मिलाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने तीन तलाक पर मु’स्लिम महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय को ख’त्म किया। शाह ने नागरिकता संशोधन कानू’न का जिक्र करते हुए करोड़ों शरणार्थियों का सम्मान करने की भी बात कही।