श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा है कि हैरानी की बात है कि हजूर साहिब में तीन बार हुए टेस्ट में निगेटिव रिपोर्ट आने के बावजूद श्रद्धालु पंजाब में पॉ’जिटिव कैसे हो गए। उन्होंने तख्त श्री हजूर साहिब के जत्थेदार भाई राम सिंह से बात की है। पूरे नांदेड़ साहिब में मात्र तीन को’रोना पॉजिटिव केस हैं।
श्रद्धालु सवा महीने से सरायों में थे और सेवा में रहे। 25 अप्रैल को श्रद्धालु पंजाब आते हैं। 27 को सरकार उन्हें घर से लाकर टेस्ट करती है। यह सिखों को बदनाम करने की साजिश है। सरकार कोरोना के टेस्ट की विश्वसनीयता के बारे में स्पष्ट करे।
पंजाब सरकार की बड़ी लापरवाही, बिना जांच के श्रद्धालुओं को भेजा घर
पंजाब में वीरवार को बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमितों के मिलने और उनमें बड़ी संख्या नांदेड़ साहिब से लौटे श्रद्धालुओं की होने के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। इसमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो श्रद्धालु नांदेड़ साहिब में दौरान निगे’टिव पाए गए, वे पंजाब पहुंचते ही कैसे पॉजिटिव हो गए।
तख्त श्री हजूर साहिब में एक महीने तक रुके तीन हजार श्रद्धालुओं के तीन बार हुए को’रोना टेस्ट हुए। कोई लक्षण न मिलने और नांदेड़ साहिब प्रशासन द्वारा इन सभी को क्लीन चिट दे दी गई।
अकाल तख्त के प्रमुख हरप्रीत सिंह ने शुक्रवार को दावा किया कि सिखों की छवि धूमिल करने की सा’जिश रची जा रही है जैसा कि तबलीगी जमात की घटना के बाद मुस्लिम समुदाय की छवि के साथ किया गया है। उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार के आंकड़ों के मुताबिक नांदेड़ स्थित हुजूर साहिब से लौटे करीब तीन हजार श्रद्धालुओं में कम से कम 115 लोगों के को’रोना वा’यरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
सिख धर्म से जुड़े मामलों की सर्वोच्च संस्था के प्रमुख ने इस घटना की तुलना मुस्लिम समुदाय की छवि खराब करने से की है जो कथित रूप से दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के कार्यक्रम से लौटने वाले लोगों से को’रोना वा’यरस फैलने के बाद हुई थी।
उन्होंने दावा कि कि तबलीगी जमात की घटना के बाद पूरे मुस्लिम समुदाय को बदना’म करने की कोशिश की गई और उसी तरह का दुष्प्रचा’र अब किया जा रहा है। सिख धार्मिक नेता ने कहा, ‘‘ यह बहुत बड़ी साजिश है।’’