मोदी ने अपने लिए तैयार करवाया स्पेशल विमान, अब अमरीकी राष्ट्रपति जैसे होंगे ठाट-बाट

दिप्रिंट को जानकारी मिली है कि सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के इस्तेमाल के लिए एयर इंडिया वन नाम से विशेष रूप से तैयार किया चौड़ी बॉडी का एक विमान बोइंग 777-300 ईआर्स अगले हफ्ते के शुरू में दिल्ली में उतरने वाला है.र’क्षा व सुर’क्षा अनुष्ठानों के सू’त्रों ने कहा कि पहला विमान अगले हफ्ते लैण्ड करेगा, जबकि दूसरा विमान इस साल के अंत तक पहुंचेगा.

इस विमान का अपना ख़ुद का मिसा’इल डि’फेंस सि’स्टम है, जिसे ला’र्ज एयरक्राफ्ट इन’फ्रारे’ड का’उंटर’मे’ज़र्स (एलएआईआरसीएम) कहा जाता है. साथ ही ये विमान सेल्फ प्रोटे’क्शन सूइट्स (एसपीएस) और अत्याधुनिक कम्यूनिकेशन सिस्टम से लैस है. इसका संचालन भारतीय वायुसेना करेगी, हालांकि इसे हासिल एयर इंडिया करेगी.

जैसे ही इसे आईएएफ के हवा’ले करने का काम पूरा हो जाएगा, इसका कॉल साइन एयर इंडिया वन से बदलकर, एयरफोर्स वन हो जाएगा, वैसा ही जैसा अमेरिकी राष्ट्रपति इस्तेमाल करते हैं.

एयर इंडिया, वायुसेना और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम, औपचारिकताएं पूरी करने और विमान को भारत लाने के लिए पहले ही अमेरिका पहुंच चुकी है.

अशोका के प्रतीक के अलावा, विमान के ऊपर भारत और इंडिया लिखा हुआ है.फिलहाल लंबी दूरी के लिए, वीवीआईपीज़ एयर इंडिया के बोइंग 747 विमान से चलते हैं. लेकिन, ये विमान फिर से ईंधन भरे बिना, दस घंटे से अधिक की उड़ान नहीं भर सकता. नया विमान बिना रीफ्यूलिंग के लगातार 17 घंटे की उड़ान भर सकता है.

छोटी दूरियों के लिए, वायुसेना की कम्यूनिकेशन स्क्वॉड्रन के बोइंग बिज़नेस जेट और एमब्रेयर एग्ज़ीक्यूटिव जेट के, वीवीआईपी बेड़े के विमान इस्तेमाल किए जाते हैं.

दो नए 777-300 ईआर्स विमान 2005 में लिए गए उस फैसले का हिस्सा हैं. जिसके तहत बोइंग से 68 विमान ख़रीदे जाने हैं.

एयर इंडिया वन में बहुत बदलाव हुए हैं

सूत्रों ने बताया कि इस बात को मद्दे’नज़र रखते हुए, कि इन विमानों का इस्तेमाल सिर्फ वीवीआईपीज़ के लिए किया जाएगा, इन दोनों विमानों में भारी बदलाव किए गए हैं.

सूत्रों ने आगे कहा कि ये विमान एक पूरी तरह से उड़ते हुए कमां’ड सेंटर की तरह काम करने में सक्ष’म है, चूंकि ये एक उन्नत और सुरक्षित कम्यूनिकेशन सिस्टम से लैस हैं, जिसमें हैक या टैप किए बिना, ऑडियो और वीडियो कम्यूनिकेशन की सुविधा दी गई है, ठीक वैसी ही, जैसे अमेरिकी एयर फोर्स वन में है.

विमान को अंदर से इस तरह बनाया गया है, कि इसमें वीवीआईपी यात्रियों के लिए एक बड़ा केबिन, एक छोटा मेडिकल सेंटर, कॉनफ्रेंस रूम और साथ चल रहे दल के लिए सीटें हैं.

एयर इंडिया वन में होगा अत्याधुनिक डिफेंस सिस्टम

एयर इंडिया वन सेल्फ प्रोटे’क्शन सूइट से लैस होगा, जो दुश्म’न रडा’र की फ्रीक्वेंसीज़ को जाम कर सकता है, हीट सीकिंग मिसाइ’ल्स का रुख़ मोड़ सकता है, और मध्यम रेंज के उन्नत मिसा’इल सिस्टम्स को रो’क सकता है. और ये सब काम क्रू के दख़’ल दिए बिना किया जा सकता है.

पिछले साल फरवरी में, कांग्रेस को भेजे गए एक नोटिफिकेशन में, यूएस डिफेंस सिक्योरिटी को-ऑपरेशन एजेंसी ने कहा था, कि अमेरिका ने 19 करोड़ अमेरिकी डॉलर्स के ख़र्च से, एलएआईआरसीएम और एसपीएस की बिक्री को मंज़ूरी दे दी है.

पेंटेगन ने कहा कि ये डिफेंस सिस्टम्स, जो एयर इंडिया की सुरक्षा को एयर फोर्स वन के बराबर ले आएंगे, दो बोइंग 777 हेड-ऑफ-स्टेट एयरक्राफ्ट में लगाए जाएंगे.

फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के अनुसार, एलएआईआरसीएम बड़े विमानों को इंसानों द्वारा चलाए जाने वाले पोर्टेबल मिसा’इलों से बचाते हैं. एक बार स्थापित हो जाए, तो एलएआईआरसीएम क्रू के चेता’वनी समय को बढ़ा देता है, फॉल्स-अला’र्म की दर को घ’टा देता है, और स्वचा’लित रूप से एडवांस्ड इंटर’मीडिएट रेंज मिसा’इल सिस्टम्स से नि’पट लेता है.