कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम एक ट्वीट के बाद सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं। ट्वीट में उन्होंने कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है।
गुरुवार (14 मई, 2020) को कृष्णम ने ट्वीट कर के लिखा, ‘पेट की भूख दो वक्त की ”रोटी” से मिट जाती है, पर ”सत्त” की भूख दो बार प्रधानमंत्री बन कर भी नहीं मिटा करती।’
पेट की भूख दो वक़्त की “रोटी”
से मिट जाती है,पर “सत्ता” की भूख दो बार प्रधानमंत्री बन कर भी नहीं मिटा करती.#20lakhcrore— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) May 14, 2020
देश में कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के चलते हजारों-लाखों प्रवासी मजदूरों सहित करोड़ों भारतीय को रोजगार के लिए खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। संभवत: उन्होंने पीएम को इसी आधार पर निशाने पर लिया है।
कांग्रेस नेता के ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी प्रतिक्रियाएं दी हैं। नवीन शर्मा @veenoo74 लिखते हैं, ‘कुछ लोगों की 70 साल बाद भी नहीं मिटती मौलाना। मुफ्त की बो’टियों के लिए आज भी कांग्रेसी बू’चड़खा’ने के बाहर जीभ लटका’ए पड़े रहते हैं।’
पेट की भूख दो वक़्त की “रोटी”
से मिट जाती है,पर “सत्ता” की भूख
पूरे ख़ानदान, अगलेठ ,पगलेठ
को प्रधानमंत्री बनाकर भी नही मिट सकती !!@AcharyaPramodk— रेखा चौबे (@_Rekhaa_Tiwari_) May 14, 2020
एक राष्ट्रभक्त @SatishM81957227 नाम से यूजर लिखते हैं, ‘जिस परिवार ने सत्तर वर्षों तक देश पर एकछत्र राज किया है देश के संसाधनों को जमकर दोनों हाथो से लूटा। धरती, आकाश, जल ऐसी कोई जगह नहीं बची जहां इन लोगों ने घोटाले न किए हों। अब भी गिद्ध की तरह प्रधानमंत्री पद पर नजर गढ़ाए बैठे हैं, लेकिन अब देश इस नकली गांधी परिवार की सच्चाई जान चुका है।’
इसी तरह राजदेव @ChuyalDev लिखते हैं, ‘कुछ लोगों की सत्ता की भूख तो पुरे परिवार को खत्म करने के बाद भी नहीं मिटती।’ विरेंद्र @VirendarBishno8 लिखते हैं, ‘तो आत्मनिर्भर होने का मतलब यह समझा जाए कि सरकार पर निर्भर न रहना?’
सही कह रहे हो ढोंगाचार्य सत्ता की भूख है ही चीज ऐसी जो चार पुश्तों से सत्ता में रहने और आखिरी दो बार तो सुपर PM रहने के बाद भी नहीं मिटी और आज भी किसी भी तरह सत्ता में वापसी के लिए आकाश पाताल एक किए हुए हैं।
— दलीप पंचोली🇮🇳 (@DalipPancholi) May 14, 2020
विनोद भंडारी @bhandariv98 लिखते हैं, ‘नकली गांधी परिवार की सत्ता की भूख ने अब वाड्रा परिवार को भी गांधी बना दिया और ये मौलाना चार्य ज्ञान बांट रहे हैं।’ केके सेंगर @sengar_krishan लिखते हैं, ‘कांग्रेस को देखो सत्ता की भूख नहीं है वो तो 70 सालों से बरगद के पेड़ के नीचे बैठ कर ज्ञान की प्राप्ति में लगी है।’