छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (74) का शुक्रवार को नि’धन हो गया। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे रायपुर स्थित श्री नारायण अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली, जबकि 20 दिन पहले ही उन्हें तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जोगी का इलाज कर रहे डॉक्टर सुनील खेमका ने पत्रकारों को बताया कि दिन में उन्हें एक के बाद एक करके दो दिल के दौरे पड़े। दो घंटों तक अस्पताल स्टाफ ने पूरी कोशिश की कि उनके दिल की गतिविधियां चालू हों, लेकिन आखिरकार उन्हें मृ’त घोषित किया गया।
पूर्व सीएम को इससे पहले नौ मई को भी कार्डियक अरेस्ट की शिकायत हुई थी। पिता के नि’धन की खबर कुछ देर बाद बेटे अमित जोगी ने सोशल मीडिया पर देते हुए लिखा, “वेदना की इस घड़ी में मैं नि’शब्द हूं।परम पिता परमेश्वर माननीय अजीत जोगी जी की आत्मा को शांति और हम सबको शक्ति दे। उनका अंतिम संस्कार उनकी जन्मभूमि गौरेला में कल होगा।”
बेटे ने आगे एक और ट्वीट किया, “20 वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया। केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं, अपना पिता खोया है। माननीय अजीत जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर ईश्वर के पास चले गए। गांव-गरीब का सहारा, छत्तीसगढ़ का दुलारा, हमसे बहुत दूर चला गया।”
२० वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया।केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं,अपना पिता खोया है।माननीय अजीत जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर,ईश्वर के पास चले गए।गांव-गरीब का सहारा,छत्तीसगढ़ का दुलारा,हमसे बहुत दूर चला गया। pic.twitter.com/RPPqYuZ0YS
— Amit Ajit Jogi (@amitjogi) May 29, 2020
जोगी ने किसी जमाने में आईपीएस और आईएएस की नौकरी थी, जिसके बाद वह छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने थे। मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद वह नवंबर 2000 से नवंबर 2003 तक तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे।
हालांकि, उप-चुनाव से जुड़े विवाद में अपना और बेटे का नाम आने के बाद साल 2016 में वह कांग्रेस से अलग हो गए थे। उन्होंने कांग्रेस छोड़ी और Janata Congress Chhattisgarh (J) का गठन कर लिया था।