चुनावी मोड में भाजपा: अमित शाह 7 की बजाय 9 जून को करेंगे वर्चुअल रैली और प्रेस कांफ्रेंस

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह 9 जून के बजाय अब 7 जून को बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का शंखनाद करेंगे। शाह इस दिन वर्चुअल माध्यम से रैली करेंगे और उत्तर एवं दक्षिण बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्र के लोगों से जुड़ेंगे।

भाजपा ने शाह की रैली से एक लाख से अधिक लोगों को जोडऩे की तैयारी कर रखी है। शाह की रैली के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की भी वर्चुअल रैली प्रस्तावित है। हालांकि नड्डा की रैली की डेट अभी तय नहीं है।

दिल्ली से जानकारी देते हुए मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह 7 जून को पूरे प्रदेश के कार्यकर्ताओं व आम जनता को डिजिटल माध्यमों के जरिए संबोधित करने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि पहले यह कार्यक्रम 9 जून को होना था, लेकिन कुछ कारणों से इसमें बदलाव किया गया है। कोरोना संकट को देखते हुए पहले की तरह राजनीतिक गतिविधियां नहीं हो सकेंगी, इसलिए भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में सोशल मीडिया माध्यमों व अन्य डिजिटल प्लेटफार्म का अधिकाधिक प्रयोग करने वाली है।

डॉ जायसवाल ने कहा कि कोरोना संकट को लेकर पार्टी के समक्ष बहुत चुनौतियां हैं, लेकिन डिजिटल माध्यमों को लेकर कार्यकर्ताओं ने जो जोश और उत्साह दिखाया है, उसने पार्टी के इरादों को और मजबूत कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक नेटवर्क स्थापित हो चुका है, यह इस आयोजन की सफलता में  अहम भूमिका निभाने वाला है।

डॉ. जायसवाल ने कहा कि भाजपा काम करने में विश्वास रखती है और विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। पार्टी लॉक डाउन में भी डिजिटल तकनीक से मंडल अध्यक्षों से जुड़ी रही। डिजिटल वोटिंग से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तो तय है कि चुनाव प्रचार में डिजिटल की भूमिका होगी लेकिन वोटिंग कैसे होगी यह चुनाव आयोग को तय करना है।

पीएम मोदी के कार्यकाल की चर्चा करते हुए डॉ. जायसवाल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अब सिर्फ नारा नहीं रहा बल्कि सच्चाई है। इस योजना के तहत 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है। उससे बिहार के लोग भी लाभांवित होंगे। केंद्र ने महाराष्ट्र से अधिक बिहार को मदद की है।

उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की वैश्विक साख बढ़ाई है। उनके दूसरे कार्यकाल का पहला साल कांग्रेस की भूल को सुधारने के लिए साहसिक फैसलों के लिए जाना जाएगा। नोटबंदी, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और सॢजकल स्ट्राइक जैसे बड़े फैसले ही नहीं बल्कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए समय रहते लॉक डाउन का निर्णय कर लाखों के जीवन की रक्षा की गई।

डॉ. जायसवाल ने कहा कि आयुष्मान भारत, जनधन खाता, उज्ज्वला योजना और किसान सम्मान जैसी योजनाएं लागू कर गरीब और किसानों का ध्यान रखा गया। जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन, और राम मंदिर निर्माण का मुद्दा सुलझाने जैसे कार्य भी किए गए हैं।