50 लाख रेहड़ी-पटरी वालों के लिए विशेष योजना, जानिए वित्त मंत्री की प्रमुख घोषणाएं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसानों, प्रवासी मजदूरों, रेहड़ीपटरी वालों के लिए कई घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर, किसान और गरीब हमारी प्राथमिकता है। संकट आने पर हमने सबसे पहले गरीब के खाते में पैसे पहुंचाए। लॉकडाउन जरूर है लेकिन सरकार लगातार दिनरात काम कर रही है।

50 लाख रेहड़ी वालों के लिए लोन का ऐलान। इनके लिए 5000 करोड़ के स्पेशल क्रेडिट फेसिलिटी दी जाएगी। शुरुआत में वर्किंग कैपिटल करीब 10 हजार रुपये मिलेंगे जिससे कारोबार की शुरुआत हो सके।

शिशु मुद्रा लोन में रिजर्व बैंक ने तीन महीने का मॉरिटोरियम दिया है, लेकिन इसके बाद समस्या हो सकती है तो शिशु मुद्रा लोन में 50,000 रुपये तक लोन लेने वाले को मॉरिटोरियम के बाद 2 फीसदी सबवेंशन स्कीम यानी ब्याज में छूट का फायदा अगले 12 महीने के लिए होगा। 3 करोड़ लोगों को इससे कुल 1500 करोड़ रुपये का फायदा होगा

वन नेशनवन राशन कार्ड की योजना पर काम होगा। हर राज्य में इसे लागू किया जाएगा।

प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में भोजन सामग्री मिलेगा। इन मजदूरों को 5 केजी गेहूं या चावल और एक किलोग्राम दाल मिलेगी।

प्रवासी मजदूर को वापस घर जा रहे हैं, उन्हें तेजी से मनरेगा योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा है। मई 2019 के मुकाबले इस साल 50 फीसदी ज्यादा मजदूरों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। 13 मई तक 14.62 करोड़ पर्सन डे वर्क पूरे हो चुके हैं।

शहरी गरीबों और प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र ने 11 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की है। राज्यों से कहा गया है कि वे प्रवासी मजदूरों के रहने और खाने पीने का उचित प्रबंध करें।

15 मार्च से अब तक 7200 नए सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHGs) बनाए गए हैं जो शहरी गरीबों के लिए है।

12 हजार सेल्फ हेल्प ग्रुप ने 3 करोड़ मास्क और 1.20 लाख लीटर सैनिटाइजर तैयार किए हैं। इस काम के जरिए उन्हें आर्थिक मदद मिली है।

रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट के लिए मार्च महीने में राज्यों को 4200 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

नाबार्ड बैंक द्वारा कोऑपरेटिव बैंक और रिजनल रूरल बैंक को मार्च में 29,500 करोड़ रुपये की रीफाइनैंसिंग की गई है।

कोरोना संकट के दौरान किसानों और रूरल इकॉनमी के लिए सरकार बड़े पैमाने पर लोन बांट रही है। 1 मार्च से 30 अप्रैल के बीच 86 हजार 600 करोड़ रुपये के 63 लाख कृषि लोन मंजूर किए गए हैं।

25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं जिसकी लोन लिमिट 25 हजार करोड़ रुपये है।

फसली लोन पर जो रीपेमेंट की तारीख 1 मार्च थी, उसे बढ़ाकर 31 मई 2020 कर दिया गया है।

देश के 3 करोड़ किसान जिनपर करीब 4.22 लाख करोड़ रुपये का लोन है, उन्होंन लोन मोराटोरियम पीरियड का फायदा उठाया है।

राज्यों ने किसानों को 6700 करोड़ की मदद दी है।

फसल कर्ज की अदायगी की समय सीमा बढ़ाई गई।

आज की जो घोषणाएं हैं वे प्रवासी मजदूरों, स्ट्रीट वेंडर, स्मॉल ट्रेडर्स और छोटे किसानों के लिए है।

निर्मला सीतारमण की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस (13 मई) की प्रमुख बातें

MSMEs के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की गई जो कोलैट्रल फ्री है। इसकी समय सीमा 4 वर्ष की है।

MSMEs को दिये जाने पर कर्ज को लौटाने के लिये एक साल की मोहलत दी जाएगी, दबाव वाले एमसएएमई को 20,000 करोड़ रुपये का (बिना गारंटी के) कर्ज दिया जाएगा, इससे 2 लाख MSMEs लाभान्वित होंगे।

जो MSME अपना आकार बढ़ाना चाहती हैं, उनके लिए फंड्स ऑफ फंड्स के माध्यम से 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन का प्रावधान किया गया है।

मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के लिए अब छोटे उद्योगों की परिभाषा एक ही कर दी गई है। अब माइक्रो जहां 1करोड़ का निवेश व 5 करोड़ का टर्नओवर, स्मॉल जहां 10 करोड़ का निवेश और 50 करोड़ का टर्नओवर मीडियम जहां 20 करोड़ का निवेश और 100 करोड़ का टर्नओवर है।

लोकल को बल देने के लिए 200 करोड़ रुपए तक के ग्लोबल टेंडर नहीं होंगे। जनरल फाइनैंशल रूल्स में बदलाव किया जाएगा ताकि देश के छोटे उद्योगों को टेंडर हासिल करने का मौका मिल सके।

वित्त वर्ष 201920 के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया । इसके साथ ही कर विवादों के निपटान के लिये लाई गई ‘विवाद से विश्वास योजना’ का लाभ भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत एंप्लॉयी प्रविडेंट फंड में एंप्लॉयर का 12% और एंप्लॉई का 12% हिस्सा दिया जा रहा था। अब इसे तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है।यह मदद 2500 करोड़ रुपए की होगी जिसका 3.67 लाख संस्थानों और 72.22 लाख एंप्लॉयी को लाभ मिलेगा।

अगले तीन महीने तक ईपीएफ में एंप्लॉयर और एंप्लॉई के कॉन्ट्रिब्यूशन को 12% की जगह 10% रखा जाएगा जिसका फायदा 6.5 लाख संस्थानों के 4.3 करोड़ एंप्लॉई को मिलेगा। इससे संस्थानों के 6750 करोड़ रुपए बचेंगे।

वेतन को छोड़ कर दूसरे प्रकार के भुगतान पर टीडीएस, टीसीएस की दर 31 मार्च 2021 तक 25 प्रतिशत कम की गयी, इससे इकाइयों के हाथ में खर्च करने को 50,000 करोड़ रुपये की राशि मुक्त होगी

रेलवे, सड़क परिवहन राजमार्ग और सीपीडब्ल्यूडी जैसी सेंट्रल एजेंसियों के कॉन्ट्रैक्टर्स को अपने प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए छह और महीने का वक्त दिया गया है।

रियल एस्टेट डेवलपर्स जिनके प्रोजेक्ट 25 मार्च या उसके बाद पूरे होने थे ऐसे प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन और कम्प्लीशन की टाइमलाइन 6 महीने के लिए बढ़ाए जाने का प्रावधान किया गया है।

डिस्कॉम के लिए 90 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है।

एनबीएफसी (NBFCs) को आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना के जरिये 45,000 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध करायी जाएगी।

गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs), आवास वित्त कंपनियों (HFCs) और एमएफआई (MFIs) के लिये 30,000 करोड़ रुपये के धन के उधार की सुविधा।