तालीम की ताकत और बुलंद हौसलों की जुगलबंदी हो तो मेहनत को रंग लाते देर नहीं लगती। फिर कामयाबी की राह रोकने वाली गरीबी को भी आसानी से मात दी जा सकती है।
मुस्लिम समाज में ऐसा कई युवाओं ने कर दिखाया है। यही वजह है कि वो आज भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) व भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अफसर हैं। युवा दिवस 2023 के मौके पर जानिए मुस्लिम समाज से आईएएस व आईपीएस बनने वाले युवाओं की सक्सेस स्टोरी। आईएएस अंसार शेख, मोहम्मद अली शिहाब, आईपीएस सफीन हसन आदि का बचपन अभावों में बीता और आज ये देश के टॉप अफसरों में शुमार हैं। इनके संघर्ष, मेहनत व सफलता की पूरी कहानी हर किसी को प्रेरित करने वाली है।
1) आईएएस मोहम्मद अली शिहाब : अनाथालय में पले-बढ़े
नागालैंड में IAS मोहम्मद अली शिहाब की कहानी अद्भुत व अकल्पनीय सी है, क्योंकि इनके सामने तो जीवन यापन का ही संकट था। ना सिर पर अपनों का हाथ और ना ही खुद की छत। बावजूद इसके अफसर बन गए। नागालैंड में पावर डिपार्टमेंट में एडिशनल सेक्रेटरी जैसे पद तक पहुंचे मोहम्मद अली शिहाब मूलरूप से केरल के मल्लपुरम जिले के गांव एडवान्नाप्पारा से हैं।
मोहम्मद अली शिहाब को भाई बहनों के साथ क्यों भेजा अनाथालय?
साल 2021 में वन इंडिया हिंदी को दिए एक इंटरव्यू में आईएएस मोहम्मद अली शिहाब ने बताया कि केरल के कोरोत अली व फातिमा के घर इनका जन्म हुआ। कोरोत अली बांस की टोकरियां बेचकर शिहाब, उसके बड़े भाई गफूर अब्दुल, दो बहन सौहराबी व नसीबा को पालते थे। 31 मार्च 1991 को बीमारी की वजह से पिता की मौत हो गई। फिर चार बच्चों की जिम्मेदारी मां फातिमा के कंधों पर आ गई। कम पढ़ी-लिखी फातिमा को पाल नहीं सकी तो पति की मौत के दो माह बाद 11 वर्षीय बेटे मोहम्मद शिहाब, आठ वर्षीय बेटी सौहराबी व पांच वर्षीय बेटी नसीबा को केरल के कोझिकोड स्थित कुट्टीकट्टूर मुस्लिम अनाथालय में भेज दिया।
चपरासी से आईएएस तक का सफर
मुस्लिम समाज से ताल्लुक रखने वाले आईएएस शिहाब कहते हैं कि अनाथालय वाले दिन में मैं कभी नहीं भूल सकता। वहीं पर रहकर 12वीं व प्री की डिग्री पाई। फिर दस साल बाद घर लौटा और दूरस्त शिक्षा के जरिए स्नातक की और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में जुट गए। साल 2004 में चपरासी व रेलवे टिकट परीक्षक और जेल वार्डन के पद पर भी नौकरी भी की। फिर यूपीएससी की तैयारियों में जुट गए और साल 2011 में 226वीं रैंक पाकर आईएएस बन गए।
2) आईपीएस सफीन हसन : दूसरों के घरों में रोटियां बनाती थीं मां
सफीन हसन अपने होम कैडर गुजरात में आईपीएस हैं। साल 2018 में महज 23 साल की उम्र में ही यूपीएससी पास कर डाली थी। सफीन हसन भारत में सबसे कम उम्र के मुस्लिम आईपीएस अधिकारियों में से एक हैं। यूपीएससी में 570 रैंक पाने वाले सफीन हसन मूलरूप से गुजरात के बनासकांठा जिले पालनपुर के गांव कानोदर के रहने वाले हैं।
IPS Safin Hasan का जन्म मुस्तफा हसन व नसीम बेन के घर 21 जून 1995 को हुआ। मुस्तफा हसन हीरे की एक यूनिट में काम किया करते थे जबकि नसीम बेन दूसरों के घरों में रोटियां बनाया करती थी। दोनों ने बेटा को पढ़ा-लिखाकर काबिल पुलिस अफसर बना दिया। सफीन हसन जामनगर व भावनगर में एएसपी पद पर सेवाएं दे चुके हैं।
आईपीएस सफीन हसन की लव स्टोरी
एक डिजिटल मीडिया को पूर्व में दिए एक साक्षात्कार में आईपीएस सफीन हसन ने बताया था कि वे पालनपुर निवासी अमन पटेल के साथ रिलेशनशिप हैं। अमन पटेल अहमदाबाद में पली बढ़ी हैं। एमबीए करने के बाद हिंदुस्तान लीवर कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर जॉब भी किया। जॉब छोड़ने के बाद एमबीए स्टूडेंट के लिए मेंटरशिप का काम करने लगीं। अपने बिजनेसमैन पिता के साथ एचआर-आईटी फील्ड में सक्रिय हैं।
3) आईएएस अंसार शेख : ऑटो चालक पिता छुड़वाना चाहते थे स्कूल
पश्चिम बंगाल कैडर के IAS Anshar Shikh महाराष्ट्र के जालना जिले के शेलगांव के रहने वाले हैं। इनके पिता योनस शेख अहमद ऑटो चलाया करते थे। गरीबी के कारण एक बार अंसार शेख के पिता उनकी टीसी कटवाने स्कूल पहुंच गए थे, मगर टीचर की समझाइश पर माने। बाद में अंसार शेख ने 12वीं बोर्ड परीक्षा 91 प्रतिशत अंकों से पास की।
यूपीएससी 2015 में अंसार शेख ने 361वीं रैंक हासिल की
अंसार ने पुणे के स्नातक किया और फिर यूपीएससी की तैयारियों में जुट गए। यूपीएससी 2015 में अंसार शेख ने 361वीं रैंक हासिल की। वो भी पहले ही प्रयास में। अंसार शेख की पत्नी का नाम वाजिया अंसारी बताया जाता है, मगर वन इंडिया हिंदी टीम इसकी पुष्टि नहीं करती है।
4) आईएएस अतहर आमिर खान : यूपीएससी टॉपर रहे, दूसरी शादी की
IAS Athar Aamir Khan मुस्लिम समुदाय से सबसे चर्चित आईएएस अधिकारियों में से एक हैं। ये बेहद स्मार्ट अफसर भी हैं। अतहर आमिर खान ने बेइंतेहा गरीबी तो नहीं देखी, मगर इनकी सक्सेस स्टोरी व निजी जिंदगी खासी सुर्खियों में रहती है। आईएएस अतहर आमिर खान ने 1 अक्टूबर 2022 को डॉ. महरीन काजी से दूसरी शादी की। पहली शादी यूपीएससी 2015 की टॉपर टीना डाबी से की थी। साल 2021 में अतहर व टीना का तलाक हो गया।
जम्मू कश्मीर के रहने वाले आईएएस अतहर आमिर खान
बता दें कि आईएएस अतहर आमिर खान जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के गांव देवीपुरा मटटन के रहने वाले हैं। 5 सितम्बर 1992 को जन्मे अतहर आमिर का पूरा नाम अतहर आमिर उल शफी खान है। ये सुन्नी मुस्लिम हैं। अतहर आमिर की पत्नी आईएएस अतहर आमिर खान की पत्नी महरीन काजी गायनाकोलॉजिस्ट हैं। दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर संस्थान और अनुसंधान केंद्र में साइंटिफिक ऑफिसर के पद पर कार्यरत है।
डॉक्टर महरीन श्रीनगर के लाल बाजार की रहने वाली हैं। टीना से तलाक के बाद अतहर आमिर राजस्थान कैडर छोड़कर जम्मू कश्मीर चले गए और वहां श्रीनगर नगर निगम में आयुक्त हैं।
5) आईपीएस रुवेदा सलाम : डॉक्टर से अफसर बनीं
जम्मू कश्मीर से पहली महिला आईपीएस बनने का गौरव रुवेदा सलाम को हासिल हुआ। रुवेदा सलाम जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले से है। इन्होंने श्रीनगर के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की।
डॉक्टर बनने के बाद रुवेदा सलाम ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और साल 2013 में कश्मीर की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बन गईं। तमिलनाडू कैडर में चेन्नई की असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस भी रहीं।