5 जून को लगेगा चंद्र ग्रहण, जानिए कब, कहाँ और कैसे देख पाएंगे?

इस 5 जून को उपच्छाया चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह इस वर्ष का दूसर चंद्र ग्रहण है जो भारत में दृश्य होगा। भारतीय समयानुसार चंद्र ग्रहण 5 जून की रात 11 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा और 6 जून की रात 2 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। भारत में उपच्छाया चंद्र ग्रहण कैसा दिखाई देगा और क्या यह सामान्य चंद्र ग्रहण से अलग होगा। आइए इन सब बातों को जानते हैं विस्तार से।

भारत में ऐसा दिखाई देगा उपच्छाया चंद्र ग्रहण? 

उपच्छाया चंद्र ग्रहण को केवल टेलीस्कोप के माध्यम से ही देखा जा सकेगा। दरअसल उपच्छाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा की एक धुंधली सी परत नजर आती है। इस घटना में चंद्रमा के आकार पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।

क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण

खगोल विज्ञान के अनुसार कोई भी चन्द्र ग्रहण जब भी आरंभ होता है तो ग्रहण से पहले चंद्रमा पृथ्वी की परछाई में प्रवेश करता है जिससे उसकी छवि कुछ मंद पड़ जाती है तथा चंद्रमा का प्रभाव मलीन पड़ जाता है। इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं। इस घटना को नग्न आंखों के द्वारा नहीं देखा जा सकता है। सामान्य चंद्र ग्रहण की तरह उपच्छाया चंद्र ग्रहण बहुत अधिक प्रभावशाली नहीं होता है।

साल 2020 में लगने वाला तीसरा चंद्र ग्रहण 

इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण 5 जुलाई 2020 को लग रहा है। इस ग्रहण का समय सुबह 8 बजकर 37 मिनट से शुरु होगा और 11 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। साल का तीसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा।

2020 में चौथा चंद्र ग्रहण 

30 नवंबर को साल का आखिरी और चौथा चंद्र ग्रहण लगेगा। इस चंद्र ग्रहण का समय दोपहर 1 बजकर 2 मिनट से प्रारंभ होगा और शाम 5 बजकर 23 मिनट तक प्रारंभ होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा।

इन जगहों पर दिखाई देगा चंद्र ग्रहण

पृथ्वी का बड़ा हिस्सा जून के चंद्रग्रहण को देखने में सक्षम होगा। भारत समेत यह यूरोप के अधिकांश भाग, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।

इस स्थिति में लगता है चंद्र ग्रहण

चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है। जो तब घटित होती है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में स्थित रहें। तो वहीं उपच्छाया चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी की परिक्रमा करने के दौरान चंद्रमा पेनुम्ब्रा से हो कर गुजरता है। ये पृथ्वी की छाया का बाहरी भाग होता है। इस दौरान, चंद्रमा सामान्य से थोड़ा गहरा दिखाई देता है।