लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों से दूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए थे और इसी बीच रेलवे ने संकटमोचन बनकर उन्हें अपने घरों तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं। इन ट्रेनों से प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है।
लाखों प्रवासी मजदूर रेवले की इस मदद से अपने घर भी पहुंच चुके हैं, लेकिन इसी बीच एक श्रमिक ट्रेन महाराष्ट्र के वसई से यूपी के गोरखपुर के लिए चली और ओडिशा के राउरकेला पहुंच गई। रेलवे ने कहा ये गलती से नहीं हुआ, बल्कि रूट व्यस्त होने की वजह से ऐसा किया गया। अब ऐसी खबर आ रही है कि एक-दो नहीं, बल्कि करीब 40 ट्रेनों का रास्ता बदला गया है।
40 ट्रेनें अपने रास्ते से ‘भटकीं’
1. Vasai Rd-Gorakhpur Shramik Special wch departed on 21 May,2020 was to run on Kalyan Bhusaval-Itarsi-Jabalpur – Manikpur route but this train will go to Gorakhpur by diverted route ie via Bilaspur, Jharsuguda,Rourkela,Asansol due to heavy traffic congestion on existing routes
— Western Railway (@WesternRly) May 23, 2020
रेलवे के एक सूत्र ने कहा है सिर्फ कल यानी 23 मई को ही कई ट्रेनें का रास्ता बदला गया। हालांकि, उसने ये नहीं बताया कि कितनी ट्रेनों का रास्ता बदला है। इसी बीच कुछ सूत्रों से ऐसी जानकारी भी मिल रही है कि अब तक करीब 40 श्रमिक ट्रेनों का रास्ता बदला जा चुका है। रेलवे का कहना है कि इन ट्रेनों का रूट जानबूझ कर बदला गया, जबकि गोरखपुर जाने वाली ट्रेन को राउरकेला भेजने का तर्क समझ से परे है।
बेंगलुरु से बस्ती जा रही ट्रेन गाजियाबाद पहुंची
एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन बेंगलुरु से करीब 1450 लोगों को लेकर यूपी के बस्ती जा रही थी। जब ट्रेन रुकी तो लोगों को लगा वह अपने घर पहुंचा गए, लेकिन ट्रेन तो गाजियाबाद में खड़ी थी। पता चला कि ट्रेन को रूट व्यस्त होने की वजह से डायवर्ट किया गया है।
महाराष्ट्र से पटना के लिए चली ट्रेन पहुंची पुरुलिया
इसी तरह महाराष्ट्र के लोकमान्य टर्मिनल से 21 मई की रात एक ट्रेन पटना के लिए चली, लेकिन वह पहुंच गई पुरुलिया। रेलवे का तर्क तो यही होगा कि इसे डायवर्ट किया गया है, लेकिन रेलवे के इस डायवर्जन से यात्री कितने परेशान हो रहे हैं, उसका अंदाजा भी लगा पाना मुश्किल है।
दरभंगा के बजाय ट्रेन पहुंची राउरकेला
इसी तरह दरभंगा से चली एक ट्रेन का रूट भी बदलकर राउरकेला की ओर कर दिया गया। इस दौरान ये भी ध्यान नहीं रखा गया कि आखिर यात्री क्या खाएंगे-पिएंगे।
रेलवे ने भी कहा कि कई ट्रेनों का रास्ता बदला
THIS IS shocking to learn that passengers, including kids aboard a #train bound for Darbhanga, (L. Bandra #station at 5.30 pm on May 21)
WAS diverted to Rourkela, now left Asansol, will reach Jhajha, has been without food and water the whole day? Please locate it@RailMinIndia— BISHNU K JHA (@bisnujha) May 23, 2020
खुद रेलवे ने कहा है कि कई ट्रेनों का रास्ता बदला गया है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव के अनुसार 80 फीसदी ट्रेनें यूपी और बिहार पहुंच रही हैं, जिससे भीड़-भाड़ काफी अधिक बढ़ गई है। ऐसे में रेलवे को कई ट्रेनों का रूट बदलना पड़ा है।
सोशल मीडिया पर भी एक शिकायत
My friend Anand Bakshi is travelling from Solapur to Etarsi via special train as train route has been diverted now he has reached nagpur and at station railway staff is saying that he has to be in qurantine this is not fair kindly intervene @NagpurPolice @narendramodi @drmngpsecr
— Ankur Pandey (@PoliticalBaabaa) May 23, 2020
अगर सोशल मीडिया पर देखें तो वहां भी ये साफ हो रहा है कि सिर्फ एक ट्रेन अपने रास्ते से नहीं भटकी है, बल्कि कई ट्रेनें भटकी हैं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा है- मेरा दोस्त आनंद बख्शी सोलापुर से इटारसी जा रहा था और उसकी ट्रेन का रास्ता बदल दिया गया तो वह नागपुर पहुंच गया है। अब स्टेशन पर रेलवे स्टाफ का कहना है कि उसे क्वारंटीन में रहना होगा।
खाने को खाना नहीं, पीने को पानी नहीं
रेलवे ने तो बड़ी ही आसानी से ये तर्क दे दिया कि रास्ते व्यस्त होने की वजह से रूट डायवर्ट किया गया है, लेकिन ये नहीं सोचा कि इससे यात्रियों को कितनी परेशानी होगी। रेलवे ने तो उनके खाने-पीने के बारे में भी नहीं सोचा कि आखिर डायवर्जन में जो अतिरिक्त समय लग रहा है, उसमें यात्री क्या खाएंगे।
बेंगलुरु से गाजियाबाद पहुंची ट्रेन में बैठे कुछ यात्रियों का कहना है कि उन्होंने 20 घंटों से कुछ नहीं खाया है। पुरुलिया पहुंची ट्रेन के यात्रियों से पता चला है कि उन्हें खाना-पीना कुछ नहीं मिला है और ट्रेन का पानी भी खत्म हो गया है।
किराया भी वसूल रहा है रेलवे
पहले से ही परेशान प्रवासी मजदूरों से किराया वसूले जाने को लेकर राजनीति तो खूब हो रही है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल रहा। बेंगलुरु से गाजियाबाद पहुंची ट्रेन के यात्रियों ने बताया कि उनसे 1020 रुपए लिए गए हैं, जिसमें से 875 रुपए ट्रेन का किराया है और 145 रुपए बस का किराया है।