भारत के दक्षिणी राज्य केरल और कर्नाटक में 30 रोजे पूरे होने के साथ ही पवित्र रमजान महीने का अंत हो गया है. यहां अब ईद-उल-फित्र त्योहार रविवार (24 मई) को मनाया जाएगा. शुक्रवार को इन दोनों राज्यों में चंद्रमा का दीदार नहीं हो सका था. हालांकि देश के अन्य जगहों पर ईद 25 मई को मनाई जाएगी.
केरल और कर्नाटक में 24 मई को पूरी दुनिया मे ईद का त्योहार मनाया जायेगा. ईद की शुरूआत सुबह दिन की पहली नमाज के साथ होती है. जिसे सलात अल-फज्र भी कहा जाता है. इसके बाद पूरा परिवार कुछ मीठा खाता है. फिर नए कपड़े पहनकर लोग ईद की नमाज पढ़ने के लिये जाते हैं. ईद की नमाज पढ़ने के बाद एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते है.
इस्लामिक कैलेंडर के तहत, नया महीना चांद को देखकर शुरू होता है. यदि आज चांद नहीं देखा जाता है, तो महीने के 30 दिन पूरे होंगे और ईद रविवार को मनाई जाएगी. अन्य राज्यों से अलग केरल और कर्नाटक में रमजान 24 अप्रैल से शुरू हुआ था.
भारत में केरल और कर्नाटक के अन्य राज्यों के बीच रमजान की शुरुआत में अंतर भौगोलिक कारणों की वजह से है. हर साल केरल और कर्नाटक में हिलाल समितियां चांद के संबंध में अंतिम घोषणा करती है.
श्रीनगर में ग्रैंड मुफ्ती नसीर-उल-इस्लाम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चांद दिखा है इसलिए यहां रविवार को ईद मनाई जाएगी। उन्होंने रेड जोन में रहने वाले लोगों से घर में ही ईद की नमाज पढ़ने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘ग्रीन जोन के लोग कुछ निर्दिष्ट स्थानों पर नमाज अदा कर सकते हैं लेकिन मास्क पहनकर और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ। सिर्फ 10 से 20 लोग ही एक बार में इकट्ठा हों।’
उल्लेखनीय है कि पूरी दुनिया मे इस वक्त कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है और इस वायरस की वजह से त्यौहारों की रौनक पूरी तरह से उड़ गई है. लोगों के चेहरों पर हर साल कितना उत्साह नहीं नजर आ रहा है. वर्तमान हालात में लोग इस बार ईद पर गले मिलकर एक दूसरे को त्योहार की मुबारकबाद नही दे सकेंगे.