रमजान का पाक महीना खत्म हो गया है. मुसलमानों के 29 कठिन रोजे पूरे हो गए हैं. संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब सहित खाड़ी देशों में लोग चाँद का दीदार करने को बेताब थे.
आज पूरी उम्मीद थी कि आसमां की काली चादर में दमकता हुआ चांद दिखाई देगा. लोग आंख गड़ाए एक टक चांद को ढूंढते रहे लेकिन ऐसा हो ना सका. इसके बाद अब वहां रविवार (24 मई) को ईद का त्यौहार मनाया जाएगा.
ऐसे मनाया जाता है ईद का त्योहार
इस दिन मुस्लिम धर्म के लोग घर में मीठे पकवान बनाते हैं. एक दूसरे से गले मिलकर सारे गिले-शिकवा दूर करते हैं. घर में बनी मीठी सेवइयां दिलों में मिठास भर देती हैं. इस दिन सभी मुस्लिम मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते हैं. अपने परिवारजनों. दोस्तों. रिश्तेदारों के लिए दुआ मांगते हैं. इसमें ग़रीबों को फितरा देना वाजिब है जिससे वो लोग जो ग़रीब हैं मजबूर हैं अपनी ईद मना सकें.
सही मायने में दिलों को मिलाने का त्योहार है ईद. खुदा का लोगों को एक साथ मिलकर रहने का पैगाम है ईद. दिल से अल्लाह तक पहुंचने का रास्ता है ईद. इस दिन मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया भी अदा करते हैं क्योंकि उनकी रहमत करम के कारण ही उनमें इतने कठिन रोज़ा रखने की हिम्मत आई.
शुक्रवार को हुई अलविदा जुमा की ख़ास नमाज़
रमजान के पाक महीने का आखिरी अशरा हम सब के बीच है. इस महीने के आखिरी जुमा यानी शुक्रवार को अलविदा जुमा कहते हैं. यह जुमा एहसास दिलाता है कि रमजान का ये नेक महीना अब हमारे बीच से रूख़सत जरूर हो रहा है लेकिन नेक काम करने का खुदा का ये पैगाम हमारी जिंदगी से कभी खत्म नहीं होगा. इस दिन मुस्लिम धर्म के लोग ज़ोहर के वक़्त अलविदा जुमा की नमाज़ पढ़ते हैं.