कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को कहा कि उन्हें इस बात का भरोसा कभी नहीं था कि उनके दल के 22 विधायक टूटकर चले जाएंगे। कमलनाथ ने भोपाल में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पत्रकारों से चर्चा के दौरान सवालों के जवाब में यह बात कही।
कमलनाथ ने कहा कि उनके साथ ही वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को भी इस बात का भरोसा नहीं था कि 22 पार्टी विधायक इस तरह प्रलोभन के चलते हमारा साथ छोड देंगे। उन्होंने कहा कि उनके पास पूरी सूची है कि इन 22 तत्कालीन विधायकों के क्या क्या काम सरकार में किए गए लेकिन अब वे इन बातों में जाना नहीं चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राज्य में कुल 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। मतदाता जागरुक हैं और वे समझ गए हैं कि उनके साथ धोखा हुआ है। इसलिए कांग्रेस को उम्मीद है कि इनमें से अधिकांश सीटों पर वे चुनाव जीतेंगे और फिर यह सरकार कैसे सत्ता में रहेगी।
पूर्ववर्ती सरकार के दौरान कांग्रेस विधायकों की कथित नाराजगी संबंधी सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने कभी भी सरकार को आउटसोर्स नहीं किया। अपनी सरकार वे स्वयं चलाते थे। मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मीटिंग करते थे। इन सबके बीच विधायकों से भी मिलने का प्रयास करते थे। उन्होंने यह स्वीकार नहीं किया कि विधायक दुखी थे।
को’रोना वा’यरस के संक्र’मण को रोकने संबंधी सवालों के जवाब में कमलनाथ ने दावा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने समय रहते पर्याप्त कदम उठाए थे।
को’रोना संबंधी पहला टेस्ट 19 मार्च को हो गया था लेकिन मौजूदा सरकार के कार्यकाल में स्थिति काफी गंभीर हो गई है। अस्पतालों में कोरोना के इलाज संबंधी पर्याप्त संसाधन ही नहीं हैं। इस संबंध में सरकार से पूछा जाना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधानसभा में विपक्ष के नेता के मनोनयन संबंधी सवालों के जवाब में कमलनाथ ने कहा कि इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष समय आने पर उचित निर्णय लेंगी। इसके पहले कमलनाथ ने अपने कार्यकाल के दौरान उठाए गए मुख्य कदमों का जिक्र किया।
उन्होंने किसान ऋण माफी योजना का भी जिक्र किया और कहा कि दो चरणों में किसानों के ऋण माफ किए गए थे। अगला चरण जून माह से प्रारंभ होना था। उन्होंने उम्मीद जतायी कि मौजूदा सरकार किसानों के ऋण माफ करने संबंधी योजना जारी रखेगी।