104 पूर्व IAS अफसरों ने CM योगी को लिखा पत्र, धर्मां’तरण अध्यादेश ने यूपी को बना दिया है…

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 100 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होने यूपी को न’फ़रत की राजनीति का केंद्र बताया है। पत्र में कहा गया है कि धर्मां’तरण वि’रोधी अध्यादेश ने राज्य को “घृ’णा, विभाजन और क’ट्टरता की राजनीति का केंद्र बना दिया है। पूर्व नौकरशाहों ने इसे तत्काल वापस लेने की मांग भी की है।

पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार टी. के. ए. नैयर समेत 104 रिटायर्ड आईएएस अफ़सरों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है। सभी ने ‘उत्तर प्रदेश विधि वि’रुद्ध ध’र्म संपरिवर्तन प्रतिषेध क़ानून, 2020’ को वापस लेने की मांग की है। नौकरशाहों का कहना है कि इस क़ानू’न ने उत्तर प्रदेश को न’फ़रत, विभाजन और क’ट्टरता की राजनीति का केंद्र बना दिया है।

पत्र में लिखा गया है कि उत्तर प्रदेश एक समय में गंगा-जमुना तहज़ीब को सींचने वाला था, लेकिन अब इस कानू’न के आने से न’फ़रत, विभाजन…क’ट्टरता की राजनीति का केंद्र बन चुका है। इन रिटायर्ड अफ़सरशाहों ने इस अध्यादेश को पूरी तरह ग़ै’र-क़ानू’नी बताया है।

पत्र में पूर्व अफसरों ने लिखा है कि कानून अल्पसंख्यकों के खि’लाफ सा’जिश है और उन्हें प’रेशान करने के लिए बनाया गया है। लव जि’हाद का नाम राइट विंग विचारधारा रखने वालों ने दिया है। इसमें कथित तौर पर मु’स्लिम पुरुष हिं’दू महिलाओं को बह’लाकर शादी करते हैं और फिर उन पर ध’र्म परिवर्तन का द’बाव बनाते हैं। ये केवल मनगढ़ंत कहानी है। यह एक तरफ का जघ’न्य अ’त्याचार है जो युवाओं के खि’लाफ आपके प्रशासन ने किया है।

पूर्व अफसरों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी का ह’वाला दिया है। जिसमें कहा गया है कि अगर लड़का और लड़की नाबालिग है और खुद की मर्जी से शादी कर रहे हैं, तो इसमें कहीं से भी कोई अपरा’ध नहीं है। कोर्ट ने पिछले महीने एक ऑर्डर दिया था, जिसमें किसी के व्यक्तिगत रिश्तों में दखल देना स्वतंत्रता के अधिकार का ह’नन है।

बता दें अध्यादेश में यह प्रावधान है कि किसी व्यक्ति को ध’र्म बदलने के कम से कम दो महीने पहले स्थानीय प्रशासन को इसकी लिखित जानकारी देनी होगी। इसमें यह व्यवस्था भी है कि वि’वाह करने के म’क़सद से किया गया ध’र्म परिवर्तन ग़ै’र-क़ानू’नी माना जाएगा। इसके तहत दं’ड का भी प्रावधान है।