कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि ‘पीएम केयर्स’ कोष से 1000 करोड़ रुपये के आवंटन के बावजूद प्रवासी श्रमिकों को हाथ में कुछ नहीं मिलेगा क्योंकि यह राशि राज्यों को मिलेगी ताकि वे मजदूरों की यात्रा और उनके रहने खाने के खर्च का भुगतान कर सकें.
उन्होंने ट्वीट किया, “पीएम केयर्स से प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. कृपया, समझने में गलती मत करिए. यह पैसा प्रवासी श्रमिकों को नहीं दिया जाएगा, बल्कि राज्य सरकारों को प्रवासी कामगारों की यात्रा, रहने, दवा और खाने के खर्च के लिए दिया जायेगा. प्रवासी मजदूरों के हाथों में कुछ नहीं मिलेगा.”
PM-CARES ने प्रवासी मजदूरों के लिए ₹1000 करोड़ आवंटित किए हैं।कृपया सामान्य गलती न करें।यह पैसा प्रवासी मजदूरों को नहीं दिया जाएगा,बल्कि राज्यों को प्रवासी श्रमिकों के यात्रा,आवास,चिकित्सा और भोजन के खर्चों को पूरा करने के लिए दिया जाएगा।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 14, 2020
चिदंबरम ने कहा, “बहुत सारी बाधाओं को पार करते हुए एक प्रवासी कामगार अपने गांव पहुंचता है, लेकिन वहां उसके लिए कोई रोजगार नहीं है. उसके पास कोई आय नहीं है. वह और उसका परिवार कैसे गुजारा करेगा?”
गौरतलब है कि पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट ने बुधवार को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए 3,100 करोड़ रूपये आवंटित करने का निर्णय लिया. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, पीएम केयर्स फंड से आवंटित किये गये 3,100 करोड़ रूपये में से करीब 2000 करोड़ रूपये वेंटिलेटर की खरीद और 1000 करोड़ रूपये प्रवासी मजदूरों के लिए निर्धारित किये गये हैं.
प्रवासी श्रमिकों के हाथों में कुछ नहीं जाएगा। आइए एक प्रवासी मजदूर को लें, जो सभी बाधाओं को पार कर अपने गांव लौट आया है। गांव में नौकरियां नहीं हैं। उसके पास कोई काम नहीं है और न ही कोई आमदनी है। वह कैसे अपना जीवन निर्वाह और परिवार का भरण पोषण करेगा।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 14, 2020
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के तहत करीब 6 लाख करोड़ रुपए की अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने एमएसई का ना सिर्फ परिभाषा बदला, बल्कि कई चार लाख करोड़ रुपए की बिना गारंटी लोन के रूप में देने की भी बात कही। इसका अलावा उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप बनाने के लिए कई अहम ऐलान किए।
कल, पीएम ने हमें एक हेडलाइन और एक खाली पेज दिया। स्वाभाविक रूप से, मेरी प्रतिक्रिया भी खाली थी!
आज, हम उस खाली पन्ने को भरने के लिए वित्त मंत्री की तरफ देख रहे हैं। हम ध्यान से हर अतिरिक्त रुपए को गिनेंगे जो सरकार वास्तविक रूप से अर्थव्यवस्था में डालेगी।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 13, 2020
वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई को दिए कर्ज को लौटाने के लिए एक साल की मोहलत दी जाएगी। साथ ही दबाव वाले एमसएएमई को 20,000 करोड़ रुपए का (बिना गारंटी) कर्ज दिया जाएगा, इससे करीब 2 लाख एमएसएमई लाभान्वित होंगे।
हम यह भी ध्यान से जांच करेंगे कि किसे क्या मिलता है?
पहली चीज यह है कि गरीब, भूखे और तबाह प्रवासी मजदूर सैकड़ों किलोमीटर चलने के बाद क्या उम्मीद कर सकते हैं?
हम यह भी जांचेंगे कि निचले हिस्से की जनसंख्या (13 करोड़ परिवारों) को वास्तविक धन के मामले में क्या मिलेगा?— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 13, 2020
वित्त मंत्री की घोषणाओं का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित सत्ता पक्ष के लोगों ने स्वागत किया है। वहीं देश के पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि इसमें गरीबों के लिए कुछ नहीं है।