10 साल की बच्ची ने ईमेल कर PM मोदी से की मुलाकात, लोग बोले- किसान भी मिलना चाहता है बताओ आईडी…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 साल की एक बच्ची से मुलाकात की। यह बच्ची अहमदनगर के सांसद डॉ सुजय विखे पाटील की बेटी है और महाराष्ट्र के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील की पोती है। जिसका नाम अनीशा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अनीशा पाटिल ने अपने पिता के लैपटॉप से प्रधानमंत्री को एक ईमेल भेजा था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि, ‘ हेलो सर, मैं हूं अनीशा और मैं सच में आकर आपसे मिलना चाहती हूं।’ जिसके जवाब में पीएम मोदी की तरफ से लिखा गया कि, ‘ दौड़ के चली आओ बेटा’।


इसी खबर पर लोग सोशल मीडिया पर पीएम मोदी से सवाल पूछ रहे हैं। लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने किसी आम लड़की से मुलाकात नहीं की है बल्कि एक सांसद की लड़की से मिले हैं। वहीं कुछ लोग पीएम मोदी से उनके ईमेल का पता पूछ रहे हैं। उत्कर्ष सिंह नाम के एक टि्वटर यूजर ने इस खबर पर लिखा कि इधर बिहार के मुख्यमंत्री पीएम से मिलने का समय मांग रहे हैं लेकिन मोदी जी ने अभी तक समय नहीं दिया है।

एक टि्वटर अकाउंट से कमेंट किया गया कि 9 महीने से किसानों से मिलने के लिए क्या प्रधान सेवक किसानों के मेल का इंतजार कर रहे हैं। @MahenderTweet टि्वटर हैंडल से इस पर हंसने वाली इमोजी के साथ लिखा गया है कि मेरा बेटा भी मिलने को कह रहा था। पीएम मोदी जी कब आना है?

@RAJUKHICHAR1 टि्वटर अकाउंट से सवाल पूछते हुए लिखा गया कि देश के अन्नदाता किसान प्रधानमंत्री जी से मिलना चाहते हैं, कौन सी आई डी पर मेल करना पड़ेगा ?

एक टि्वटर यूजर ने कमेंट किया कि साहब सिर्फ सांसद की बेटी के मेल पर उनसे मिलते हैं। अगर यही किसान की बेटी मेल कर मिलने के लिए समय मांग ले तो साहब अपने मोर के साथ किसी गुफा में छुप जाएंगे। @GautamS60202649 ट्विटर अकाउंट से कमेंट आया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लो मोदी जी बहुत लोग मिलना चाह रहे हैं।

@RoflGandhi_ टि्वटर हैंडल से मजा लेते हुए नरेंद्र मोदी के साथ अनुराग ठाकुर की एक फोटो शेयर करते हुए लिखा गया कि ये तो कुछ भी नहीं। एक और साधारण परिवार के 46 साल के बच्चे ने मिलने की जिद्द की थी, उसको तो सीधा मंत्री ही बना दिया। पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए लिखा कि एक भक्त ने मोदी जी को चिट्ठी लिख कर तेल की बढ़ती क़ीमतों पर चिंता व्यक्त की। मोदी जी ने तुरंत कहा, छोड़ो तेल और गाड़ी की चिंता ‘दौड़े चले आओ’।