धर्मेंद्र ने टिड्डियों का ड’रावना विडियो शेयर कर कहा: ‘जब मैं दसवी था तब इन्हें मा’रने के लिए…’

हिंदी सिनेमा के वेटरन एक्टर धर्मेंद्र पेशे से भले ही एक्टर हों, मगर उनके अंदर का किसान आज भी आबाद है। फ़िल्मी चमक-दमक से ब्रेक लेकर धर्मेंद्र इन दिनों मुंबई के नज़दीक अपने फार्म हाउस में ही रह रहे हैं और वहीं से सोशल मीडिया के ज़रिए अपने चाहने वालों से सम्पर्क बनाये रखते हैं।

धर्मेंद्र अक्सर अपनी पुरानी यादों के बीच मौजूदा हालात पर भी बातचीत करते हैं। को’रोना वा’यरस की मा’र के बीच इन दिनों देश के कुछ राज्यों में टिड्डियों का आ’तंक छाया हुआ है, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिरने के आसार हो गये हैं। इस नये ख़त’रे से लोगों को धर्मेंद्र ने आगाह किया है।

धर्मेंद्र ने टड्डियों के हम’ले का एक वीडियो शेयर किया है, जो काफ़ी ड’रावना लग रहा है। इस वीडियो में हज़ारों टिड्डियों ने एक मकान पर कब्ज़ा जमा लिया है। धर्मेंद्र ने लिखा- सावधान रहिए। हमने इसका सामना किया है। जब मैं दसवीं कक्षा का छात्र था, सभी विद्यार्थियों इन्हें मा’रने के लिए बुलाया जाता था। कृपया सावधान रहिए।

धर्मेंद्र ख़ुद अपने फार्म हाउस पर सब्जियां और फल उगाते हैं। ऐसे में उनकी यह चिंता जायज़ है। टिड्डी दल पाकिस्तान से राजस्थान होते हुए भारत में घुसा है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में फसलों पर अ’टैक करने के बाद पंजाब को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। वहीं, महाराष्ट्र में भी ख़बरे के प्रति चेताया गया है।

धर्मेंद्र ने इससे पहले एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें अपने फार्म हाउस से मौसम की छटा दिखायी थी। धर्मेंद्र ने इसके साथ लिखा था- बरसात के बाद, ताज़गी बख्शती पहली सुबह। बादलों पर ये निखार… देखे ही बनता है।

https://twitter.com/AapkaJellySingh/status/1265945819854917632?s=20

धर्मेंद्र पिछले कुछ अर्से से फ़िल्मों से दूर हैं। हाल ही में नेटफ्लिक्स पर आयी शिमला मिर्ची में उन्होंने विदेश मंत्री के किरदार में कैमियो किया था। इस फ़िल्म में हेमा मालिनी, रकुल प्रीत और राजकुमार राव ने लीड रोल निभाये थे। इससे पहले 2018 में वो अपनी होम प्रोडक्शन फ़िल्म यमला पगला दीवाना फिर से में नज़र आये थे, जिसमें सनी देओल और बॉबी देओल के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर किया था।

वहीं टिड्डियों को लेकर सरकार का कहना है कि तीन दशकों में यह देश में सबसे खरा’ब टिड्डी हम’ला है. कृषि मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के 20, मध्य प्रदेश में 9, गुजरात में दो और उत्तर प्रदेश और पंजाब में एक-एक जिलों के 47,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले 303 स्थानों पर टिड्डी रोकथाम के उपाय और छिड़काव अभियान चलाए गए हैं.